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अस्पताल में महिला को बंधक बनाने के मामले में मंत्री बन्ना गुप्ता ने सचिव से 3 दिन में मांगी रिपोर्ट

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रांची 

रांची के जेनेटिक निजी अस्पताल, बरियातू में प्रसूता महिला को बंधक बनाने के मामले में हाईकोर्ट के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना भी एक्शन मोड में आ गये हैं। मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को 3 दिनों के अंदर विभागीय कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा हैं। कहा है कि ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। मंत्री ने इस आशय का पत्र प्रधान सचिव को प्रेषित किया है। बता दें कि प्रसूता महिला को उसके बच्चे से अलग लगभग एक महीने तक निजी अस्पताल में बंधक बनाकर रखा गया। हालांकि महिला को छोड़ दिया गया है, लेकिन अस्पताल का कठोर रवैया सुर्खियों में बना हुआ है। 

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान में

महिला का नाम सुनीता है। गरीब सुनीता को पूरे 1 महीने तक जेनेटिक हॉस्पिटल में बंधक बनाये रखा। एक नवजात को उसकी मां से एक महीने तक दूर रखने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता ले लिया है। कोर्ट ने कल 28 जून को मामले में संज्ञान लेते हुए प्रधान सचिव से जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले में रांची सिविल सर्जन को उक्त अस्पताल के रजिस्ट्रेशन की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आश्वस्त किया कि जांच कर जेनेटिक अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।


अस्पताल पर लगे ये आरोप 

अस्पताल पर लगे ये आरोप कोर्ट ने प्रधान सचिव को मामले की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कल की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि जेनेटिक अस्पताल ने मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार किया है। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया की रनिया के बनावीरा नवाटोली निवासी सुनीता कुमारी को 28 मई को प्रसव पीड़ा होने पर खूंटी सदर अस्पताल ले जाया गया था। वहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया, यहां आते ही एक ऑटो चालक महिला के पति मंगलू को झांसा देकर जेनेटिक अस्पताल ले गया जहां महिला ने बच्चे को जन्म दिया।

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